रतलाम स्टेाशन अप यार्ड में कर्व को दूर किया गया
पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल रतलाम जंक्शिन अप यार्ड में ज्याूदा डिग्री का खराब ले आऊट था जिसे 05 दिनों का ब्लॉिक लेकर दूर किया गया ।
इसकी जानकारी देते हुए मंडल रेल प्रवक्ताा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जब यात्री गाडि़यों का सीमित मात्रा में परिचालन किया जा रहा है तो इस दौरान मंडल पर कई पुराने गति अवरोधकों को दूर किया गया एवं नियमित मरम्मलत के कार्य भी किये गये। रतलाम मंडल पर इनमें से एक
महत्वमपूर्ण कार्य रतलाम जंक्शिन अप यार्ड में खराब ले आऊट को दुरूस्थद करने का कार्य भी शामिल हो गया है।
रतलाम अप यार्ड में ज्यातदा डिग्री कर्व के कारण खराब लेआउट था, जिसकी वजह से पिछले दो वर्षों में दो अवपथन की घटना हो चुकी है। यहॉं पर पर मल्टीपल रिवर्स क्रॉस ओवर एवं शार्प कर्वेचर्स है। ऐसे ले आऊट पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ले आऊट को ठीक किया जाना अत्यंरत आवश्य क था। इसके लिए अप यार्ड स्थि त वरिष्ठ सेक्शंन इंजीनियर(रेल पथ) उत्तअर के अवेंडन्ड कार्यालय को तोड़कर इन शॅार्प कर्वेचरों को सीधा करने का कार्य किया गया है। इस कार्य के लिए मुख्ये संरक्षा आयुक्तअ का अनुमोदन 06 जून 2020 को प्राप्त होने के पश्चा त रतलाम मंडल द्वारा द्रुत गति से कार्य करते हुए 28 जून 2020 तक कार्य आरंभ करने से पूर्व की सारी तैयारियॉं कर ली गई ।
उक्ते कार्य का कार्यादेश 29 जून 2020 को जारी हुआ तथा कार्य समापन की समय सीमा 5 दिन निर्धारित की गई। इस कार्य में 520 टीआरएम फॉर्मेशन लेवल तक समतल किया गया तथा उसके ऊपर बैलास्टप बिछाकर बैड तेयार किया गया, उसके उपरांत 5 टर्नआऊट को टी-28 मशीन से शिफ्ट किया गया । रतलाम मंडल द्वारा तैयार ले आऊट के आधार पर शार्प कर्वेचर घटकर 6 डिग्री पर आ गया एवं लाइनों की अनावश्यमक गोलाई को घटाकर सीधा कर दिया गया है। टीआरडी विभाग द्वारा 22 मास्ट लगाने हेतु 22 मास्टक तैयार किए गए एवं पुराने ओ.एच.ई. लाइन को हटाकर नई सिधाई में स्थाकपित किया गया। सिगनल एवं टेलीकॉम विभाग द्वारा 02 सिगनलों को शिफ्ट करने के लिए टर्नआऊट के परिवर्तित स्थािन पर केबल बिछाई गई ।
इस प्रकार रतलाम मंडल के इंजीनियरिंग, सिगनल एवं टेलीकॉम, टीआरडी सहित अन्यो विभागों के सामूहिक प्रयास के कारण निर्धारित समय सीमा में पूर्ण किया गया एवं ट्रैक को 04 जुलाई 2020 को फिट दिया गया। इस कार्य के सम्पन्न हो जाने से गति अवरोधक तो दूर हुआ ही संरक्षित गाड़ी परिचालन में भी इससे मदद मिलेगी।
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